छठ पूजा कल से, नहाय खाय-खरना व सूर्य को अर्घ्य देंगे
- By Habib --
- Monday, 04 Nov, 2024
Chhath Puja will start from tomorrow, we will bathe, eat, Kharna and offer water to the Sun
दिवाली के बाद बहुत उत्साह के साथ छठ महापर्व को मनाया जाता है। इस दौरान घाट पर बेहद खास रौनक देखने को मिलती है। अब जल्द ही इस पर्व की शुरुआत होने वाली है। छठी मैया को समर्पित महापर्व 4 दिनों तक मनाया जाता है। धर्मिक मान्यता है कि इस व्रत को सच्चे मन से करने से घर में सुख और समृद्धि का आगमन होता है। छठ पूजा एक ऐसा पर्व है, जब डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर उपासना की जाती है। वहीं, सनातन धर्म में उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है। अगर आप भी छठ पूजा कर रहे हैं, तो इस पर्व के आने पहले से यह जरूर जान लें कि पूजा थाली में किन चीजों को शामिल करना चाहिए, जिससे पूजा में कोई रुकावट न आए।
पंचांग के अनुसार, छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यानी 05 नवंबर से हो रही है। वहीं, इसका समापन अष्टमी तिथि यानी 08 नवंबर को होगा। इस दौरान छठी मैया और सूर्य देव की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाएगी।
छठ पूजा की तिथियां
पांच नवंबर छठ पूजा के पहले दिन, श्रद्धालु नदी या तालाब में स्नान करते हैं और केवल शुद्ध और सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं। महिलाएं दिन भर व्रत रखती हैं।
खरना: छह नवंबर को दूसरे दिन, व्रती दिन भर निर्जला उपवास रखते हैं। शाम को पूजा के बाद प्रसाद के रूप में खीर, रोटी और फल खाए जाते हैं।
संध्या अर्घ्य: सात नवंबर तीसरे दिन, व्रती सूर्यास्त के समय नदी या तालाब के किनारे जाकर सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं। यह छठ पूजा का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है।
सुबह का अर्घ्य: आठ नवंबर चौथे दिन, उगते हुए सूर्य को अघ्र्य दिया जाता है, जिसके बाद व्रती अपना व्रत संपन्न करते हैं और प्रसाद वितरण करते हैं। छठ पूजा के दौरान प्रसाद के रूप में ठेकुआ, मालपुआ, चावल के लड्डू, फलों और नारियल का प्रयोग किया जाता है। ये सभी प्रसाद शुद्ध सामग्री से बनाए जाते हैं और सूर्य देवता को अर्पित किए जाते हैं।
छठ पूजा सामग्री लिस्ट
पीतल का पात्र, फल, सुपारी, चावल, सिंदूर, फूल, एक थाली, पान, गाय का घी, शहद, धूप, शकरकंदी, सुथनी, गुड़, सूप, बड़ा वाला नींबू, पानी वाला नारियल, मिठाईयां, अरवा का चाल, गंगा जल, बांस की दो बड़ी टोकरियां, पीतल का एक लोटा, ठेकुआ का भोग, गेहूं, चावल का आटा, साधक के लिए नए कपड़े, 5 पत्तियां लगे हुए गन्ने, मूली, अदरक और हल्दी का हरा पौधा।
छठ पूजा में करें इन नियम का पालन
छठ पूजा के दौरान व्रत रखने वाले जातक को पलंग या तखत पर नहीं सोना चाहिए। वह जमीन पर चादर बिछाकर सो सकता है।
इस पर्व के चार दिन तक व्रती को नए वस्त्र धारण करने चाहिए।
इसके अलावा मांस और मदिर का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से जातक को छठी मैया की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है।
किसी से वाद-विवाद न करें। साथ ही बड़े बुजुर्गों और महिलाओं का अपमान न करें।
छठ पूजा के दौरान सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए।
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